यूँ तो आजकल पढाई की आधुनिक तकनीक(लैपटॉप,कम्प्यूटर,मोबाइल ,स्मार्ट क्लास आदि)आ जाने के बाद से ज्यादातर माता -पिता अपने बच्चों को उन्हीं स्कूलों मे पढ़ाना चाहते है, जहाँ पर उनके बच्चों को आधुनिक तरीके से पढाया जाए.इस बात पर ज्यादा कुछ लिखने की बजाय मैं इतना ही कहना चाहूँगी कि आज भी अगर छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए कुछ पुरानी तकनीक ही इस्तेमाल की जाए तो बच्चों की पढाई की नीव ज्यादा मजबूत बनेगी.जैसे की स्लेट -चौख, गिनती वाली मोती (एबेक्स) आदि के द्वारा आज भी बच्चों को रोचक तरीके से पढाया जाए तो बच्चों की पढाई ठोस होगी.साथ ही छोटे बच्चो को कॉपी पर भी खूब लिखवाकर प्रैक्टिस करवाया जाए तो बच्चे की स्मरण शक्ति अच्छी होती है.मैं अपने स्कूल मे पढाई के आधुनिक तरीकों के साथ -साथ आज भी पुराने तरीके इस्तेमाल करती हूँ, यही कारण है कि मेरा स्कूल स्वर्णिमा एकेडमी मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले बच्चों का प्रिय स्कूल है.